मैं एक साधारण वातावरण में पला-बड़ा, जिसने मुझे अपने व्यवसाय को ईमानदारी और दिल से संचालित करना सिखाया और इन्ही दो प्रमुख कारकों के कारण जयपुर रुग्स का विकास हुआ।
मैंने सीखा है कि किसी व्यवसाय को निरंतर संभाल के रखना उसे शुरू करने की तुलना में कहीं ज्यादा मुश्किल है । यह अपने सभी पहलुओं को सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक प्रयास और समय लेता है। यहां तक कि इस प्रक्रिया का सबसे छोटा काम भी सुचारू रूप से चलता है।
सजे-धजे शब्दों को अच्छे वाक्यों में पिरो कर बात करने वाले लोग पर भरोसा करते हुए कोई सही व्यक्ति या, यूँ कहें उपयुक्त व्यक्ति कैसे पा सकता है?
इससे नियुक्ति करण में समय की बचत तो हो सकती है लेकिन किसी विशेष नौकरी के लिए सही व्यक्ति को काम पर रखने की संभावना नहीं मिल सकती।
बहुत से लोग कुछ ऐसा करने का दिखावा करते हैं जिसका उद्देश्य दूसरों को प्रभावित करना नहीं होता। स्थिति जो भी हो, अपने आप को एक झूठा भाव प्रस्तुत करना न केवल परेशान करने वाला है, बल्कि अक्सर मानवीय अनुभव की एक अपरिहार्य स्थिति भी है।
जयपुर रग्स में हम जिस संस्कृति का विकास कर रहे हैं, उसके सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक सकारात्मकता है। हमारी नियुक्ति की प्रक्रिया के दौरान, हम उन व्यक्तियों की तलाश करते हैं जो गैर-निर्णयात्मक या नकारात्मक हैं।
जब लोगों को भय द्वारा चलाया जाता है तो उनकी सोच में केवल मुसीबत में ना आना होता है। वे अपना काम करते हैं लेकिन सिर्फ कुछ सख्त निर्देशन और अवास्तविक मानकों को पूरा करने के लिए।