वास्तव में, गलतियां और चुनौतियां व्यवसाय में बेहतर दिशा बनाने का अवसर हैं।
पुरे साल भर की अनिश्चितता के बाद, मैं व्यक्तिगत रूप से अपने संगठन के नए नायकों से मिलने के लिए उत्साहित था। उनको सुनने और घंटों तक बातचीत करने के बाद मैंने उनसे पूछा, ‘आप यहाँ अपनी भूमिका में क्या चाहते हैं?’
कुछ सेकंड के भीतर, मुझे कुछ जवाब मिले, जहां कई लोग कह रहे थे कि वे वर्तमान व्यवस्था में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं और कैसे वे अपने अनुभवों का उपयोग चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिए करना कहते हैं।
जिसके बाद मैंने उनसे पूछा कि क्या आप अपनी मंजिल के बारे में निश्चित हैं, क्या आप उस दिशा से वाकिफ हैं जिस ओर आप जाना चाहते हैं?
एकाएक, खामोशी सी छा गई, वहीं कुछ लोग गहराई से सोचने लगे तो कुछ लोग मेरे कुछ कहने का का इंतजार कर रहे थे।
एक मुस्कुराहट के साथ मैंने उनसे कहा, दिशा एक आंतरिक भावना है, वो पल जब गंतव्य मन द्वारा संचालित होता है।
वाकई, यह इतना आसान है! व्यवसाय में मेरी शुरुआत भी इसी प्रकार हुई थी।
मैं अक्सर कहता हूं कि मैंने बुनाई की कला को नहीं चुना, बुनाई ने मुझे चुना।
जब मैंने बुनाई करने का फैसला किया तो मैंने मेरे लक्ष्य की तलाश नहीं की, वो तो मेरे बुनकरों हैं जिन्होंने मुझे दिशा दिखाई और मैंने बस उनका पीछा किया। उनके साथ आगे बढ़ने से मुझे समझ आया हुआ कि उनके सामने एक बड़ी चुनौती बिचौलियों की है जो उनका शोषण कर रहे हैं और तब इस सिस्टम से उन्हें खत्म करना मेरी प्राथमिकता बन गई।
इसके लिए, मैंने एक अलग तरीका अपनाया, जिसमे बुनकरों को महीने में दो बार सीधे उनके बैंक अकाउंट में भुगतान किया गया और समय पर उन्हें उन सभी कच्चे माल के साथ घर से काम करने का मौका दिया गया, जिनकी उन्हें जरूरत थी।
इस प्रक्रिया ने उन्हें खुश और अधिक क्रियाशील बना दिया। हम जब किसी से निष्पक्षता और गरिमा के साथ व्यवहार करते हैं और विशेष रूप से जब किसी को एक स्थायी आजीविका कमाने का मौका देते हैं तो वह लोग अपने जीवन में खुद की खोज करते हैं।
इसलिए मेरा सुझाव है कि आप दिशा पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको अंततः अपने गंतव्य तक पहुंचा ही देगा।
आपके पास जो है, उससे शुरू करें, अपनी समझ के साथ एक रास्ता बनाएं और यह रास्ता आपको उस मंजिल तक पहुँचाएगा जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं।