बदलते समय के साथ उद्यमिता की शिक्षा में रुचि बढ़ी है। जिसमे इसके अधिवक्ताओं का दावा है कि इस विषय के पीछे और भी बहुत से पहलू हैं।
लेकिन मुझे लगता है कि आधुनिक उद्यमिता वर्ग जो समझाते और सिखाते हैं उसमे गलतियों से बचने का अच्छा तरीका है, लेकिन यह बहुत ही भ्रामक है।
जोखिम से बचने की शिक्षा देने से उद्यमियों को अधिक नुकसान पहुंचाता है। व्यावहारिक अनुसंधान या परीक्षण के बिना, कभी न खत्म होने वाली योजना और उत्पाद निर्माण में उद्यमियों को उलझाया जाता है।
विफलताएं और गलतियां अनिवार्य हैं और वैज्ञानिक दुनिया में सिद्धांतों का परीक्षण करने और सीखने के समान हैं। जिस तरह हम वैज्ञानिकों को प्रयोग करने से बचने के लिए कभी नहीं कह सकते, वैसे ही हमें उद्यमियों को गलतियों से बचने और असफलता से बचने की सीख कभी नहीं देनी चाहिए।
उद्यमी अपने शिल्प को वास्तविक दुनिया में प्रयोग के माध्यम से परिष्कृत करते हैं। वे जोखिम उठाने के लिए अपनी कंपनियों का निर्माण करते हैं जिससे वह आश्वस्त संरक्षक और सहकर्मी का साथ पाकर अच्छा अनुभव और बेहतरीन सीख प्राप्त करते हैं।
हम पारंपरिक तरीके से किसी को भी उद्यमिता नहीं सिखा सकते। लेकिन हमें उद्यमियों को और अधिक कुशलता से सीखने में मदद हो ऐसे तरीकों को बनाने की आवश्यकता है।
इसका तात्पर्य यह है कि उद्यमियों को अपने आसपास के व्यवसाय संस्कृति को विकसित करने के लिए मेंटर और रचनात्मक स्वतंत्रता के लिए एक नेटवर्क प्रदान हो जिससे कि वे नए तरीकों की खोज कर सके और जो निम्नलिखित अवधारणाओं को व्यक्त करता हो-
बिना बाधाओं के सपने देखना, लोगों को सुनकर-समझ कर रचनात्मकता और नवाचार के लिए दरवाजे खोलना, अधिक से अधिक प्रयोग करना, विश्वास करना, और भरोसा के काबिल बनना, गलतियाँ करने की हिम्मत करना, दूसरों से निष्पक्ष व्यवहार करना और सभी सीख और अनुभवों को साथ लेकर चलना।
मनचाहा कि परियोजना की शुरुआत करते समय हम शुरू में थोड़े चिंतित थे क्योंकि हमारे कारीगर डिजाइनिंग वर्ग से नहीं थे। मगर हमारी इस सोच को उन्होंने गलत साबित कर दिया और हमें एहसास दिलाया कि उनकी रचनात्मक भावना किसी कल्पना से परे है।
किसी को उन्हें यह सिखाने की आवश्यकता नहीं थी कि उन्हें क्या डिजाइन करना है क्योंकि उन्होंने उनके डिज़ाइन के लिए आस-पास के परिवेश से प्रेरणा लिया। हालांकि इसके साथ ही वे इस बात की चाह रखते थे कि उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्हें मार्गदर्शन और सलाह मिलता रहे।
यह मुझे अंतर्राष्ट्रीय डिजाइनर रूना रे के द्वारा की गयी टिप्पणी की याद दिलाता है- “कारीगर कॉर्पोरेट्स को आगे बढ़ने का रास्ता दिखा रहे हैं। डिजाइनों की सुंदरता रंगीन है, जिनमें कारीगर अपने दिमाग का उपयोग करते हैं। ”
कारीगरों को अपने हिसाब से डिजाइन करने का मौका देने का जोखिम उठाना, अप्रत्यक्ष रूप से एक रचनात्मक आंदोलन को जन्म देता है। यह प्रयोग करने की अवधारणा को स्पष्ट करता और जोखिमों को नवाचार की ओर ले जाता है। गलतियों से बचने के बजाय उद्यमियों को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए क्योंकि यह हर बार आपको और बेहतर बनाता जायेगा।
इस प्रकार कार्य करने का अर्थ है कि पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में थोड़ा ऊपर उठ कर सोचना और ऐसे तरीकों का खोज करना जो हमारे आस-पास के समुदायों का पोषण कर सके। यह एक ऐसा परिवर्तन है जो अविश्वसनीय लाभांश का भुगतान कर सकता है।