सजे-धजे शब्दों को अच्छे वाक्यों में पिरो कर बात करने वाले लोग पर भरोसा करते हुए कोई सही व्यक्ति या, यूँ कहें उपयुक्त व्यक्ति कैसे पा सकता है?
इससे नियुक्ति करण में समय की बचत तो हो सकती है लेकिन किसी विशेष नौकरी के लिए सही व्यक्ति को काम पर रखने की संभावना नहीं मिल सकती।
बहुत से लोग कुछ ऐसा करने का दिखावा करते हैं जिसका उद्देश्य दूसरों को प्रभावित करना नहीं होता। स्थिति जो भी हो, अपने आप को एक झूठा भाव प्रस्तुत करना न केवल परेशान करने वाला है, बल्कि अक्सर मानवीय अनुभव की एक अपरिहार्य स्थिति भी है।